चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व चैती छठ के आज तीसरे दिन डूबते सूर्य को दिया गया पहला अर्ध्य, कल उगते सूर्य के अर्ध्य के साथ पर्व का होगा समापन
डेस्क : बिहार में लोक आस्था का महापर्व छठ का बड़ा महत्व है। बिहार और झारखंड में छठ पूजा को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि अब इन राज्यों के साथ ही अन्य राज्यों में भी लोग छठ पूजा के महत्व को समझ रहे हैं।
चार दिवसीय लोकआस्था के पर्व चैती छठ का आज तीसरा दिन है। आज अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को छठव्रतियों ने अर्घ्य अर्पित किया। डूबते हुए भगवान सूर्य की पूजा अर्चना कर उन्हें अर्घ्य देकर परिवार की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की गयी। पटना के गंगा घाटों पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गयी। छठव्रती अपने पूरे परिवार के सदस्यों के साथ अर्घ्य देने छठ घाट पर पहुंचे। छठव्रतियों के साथ-साथ परिवार के सदस्यों ने भी भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया।
इस दौरान पटना सिटी के गंगा घाटों पर भी लोगों की भारी भीड़ देखी गयी। कई छठ व्रतियों ने अपने-अपने घर के छत पर भी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया। कल सोमवार को छठव्रती उदयगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगे। कल सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठव्रती प्रसाद ग्रहण करेंगे। प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही उनके 36 घंटे का निर्जला उपवास सम्पन्न हो जाएगा।
कल सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय महापर्व को व्रती पारण के साथ व्रत तोड़ेंगी। कल यानि 15 अप्रैल (सोमवार) की सुबह 5.31 के बाद से व्रती उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दे सकेंगे। सुकर्मा योग में अर्घ्य देने के बाद छठ व्रति पारण करेंगे।
Apr 15 2024, 09:43